जूते की दुकान पर काम करने वाला एक लड़का बन गया IAS ऑफिसर, लगातार असफलता से भी नहीं मानी हार…

आज हम आपको बताएंगे की हर मुश्किलों का सामना करते हुए भी एक युवा ने आईएएस ऑफिसर बनने के सपने को पूरा किया। हम बात कर रहे हे वर्ष 2018 में एआईआर रैंक 6 पाने वाले शुभम गुप्ता की। इनका बचपन काफी मुश्किलों से भरा पड़ा था।

राजस्थान के जयपुर जिले से प्रारंभिक शिक्षा हंसिल की। उसके बाद उनके पिता महाराष्ट्र चले गए। जिसके बाद तीन भाई-बहनों में सबसे छोटे शुभम और उनकी बहन भाग्यश्री अपने पिता के पास रहने चले गए। वहा पर स्कूल उनके घर से काफी दूर थी। स्कूल पहुंचने के लिये उन्हें रोज सुबह ट्रेन पकड़नी पड़ती थी। वापस आते समय शाम के तीन बजते थे।

आर्थिक तंगी होने के कारण कूल से आने के बाद शुभम चार बजे तक दुकान पहुंच जाते थे ओर काम के साथ ही बचे हुए समय में पढ़ाई भी करते थे। समय ही नहीं होने की वजह से वो किसीके दोस्त ही नहीं बन पाए। काम के साथ पढ़ाई करने के बाद भी शुभम ने 10वीं अच्छे अंकों के साथ पास किया। 12वीं के बाद आगे की पढ़ाई दिल्‍ली के ही एक कॉलेज से की। वहा पर उन्होंने बीकॉम और एम कॉम किया।

जब शुभम दिल्‍ली में पढ़ाई कर रहे थे, तब उनके पिता कई तरह की आर्थिक परेशानियों में घिर गए थे। उनके पिता ने शुभम से कहा कि बेटा काश तू बड़ा अफसर बन जाता तो इस तरह की परेशानियां नहीं आती। उसी दिन से शुभम ने अपने पिता के इस सपने को अपना सपना बना लिया। दिल्‍ली पहुंचने के बाद वे यूपीएसएसी परीक्षा की तैयारी में जुट गए।

पहली बार यूपीएससी 2015 की परीक्षा में बैठे, लेकिन वे अपने पहले प्रयास में प्री परीक्षा भी पास नहीं कर पाये। 2016 की परीक्षा में उन्हें 366वां रैंक मिला, इस रैंक से वे खुश नहीं थे। साल 2017 के अपने तीसरे प्रयास में शुभम को कोई सफलता नहीं मिली। चौथे प्रयास के लिए वर्ष 2018 की यूपीएससी परीक्षा में ऑल इंडिया 6वां रैंक मिला। इसके बाद शुभम को महाराष्ट्र कैडर मिला।

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