कभी मजदूर का काम करने वाली संजू देवी की किस्मत अचानक बदल गई है। आज वह अचानक 100 करोड़ रुपये की संपत्ति की मालकिन बन गई है। संजू देवी के परिवार में दो बच्चे हैं और उसके पति की 12 साल पहले मौत हो गई थी। जिस वजह से परिवार को मजदूरी और खेती करके घर खर्च चलाना पड़ता था, लेकिन दो साल पहले एक आयकर अधिकारी संजू देवी के घर आया और उसे बताया कि उसके पास 100 करोड़ रुपये की संपत्ति है।
दो साल पहले राजस्थान के सीकर जिले के नीम के दीपवास गांव निवासी संजू देवी के घर आयकर अधिकारी पहुंचे थे। यहां पहुंचकर उन्होंने संजू देवी को बताया कि जयपुर-दिल्ली हाईवे पर उनके नाम पर 64 वीघा जमीन है। जिसकी कीमत 100 करोड़ रुपये है। यह सुनकर संजू देवी और उनके बच्चे दंग रह गए थे। आयकर अधिकारियों ने संजू देवी से पूछा कि क्या उन्होंने जमीन खरीदी है। इसके जवाब में संजू देवी ने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।
संजू देवी ने आयकर अधिकारियों को बताया कि वह 2006 में जयपुर के आमेर गई थी और अपना अंगूठा दिया था लेकिन वह नहीं जानती थी कि वह अंगूठा किस लिए लिया गया है। संजू देवी के मुताबिक, उनके पति की मौत को 12 साल पहले हो चुकी थी और उन्हें नहीं पता कि उनके पास कौन सी संपत्ति है और कहां है। पति की मौत के बाद उसके घर हर महीने पांच हजार रुपये आते थे, लेकिन कई सालों के बाद वह पैसे भी आना बंद हो गया है। संजू देवी ने अधिकारियों को बताया कि उन्हें नहीं पता कि पैसे कौन भेज रहा है।
आयकर विभाग को शिकायत मिली थी कि दिल्ली और मुंबई के कारोबारी बड़ी संख्या में आदिवासियों के नाम पर दिल्ली हाईवे पर जमीन खरीद रहे हैं। उनके नाम पर वह जमीन खरीदते है और उन्हें पैसे देते है।
शिकायत मिलने के बाद आयकर विभाग ने जांच में पाया कि जयपुर-दिल्ली हाईवे पर 100 करोड़ रुपये से अधिक की 64 बीघा जमीन राजस्थान के सीकर जिले के दीपवास गांव निवासी संजूदेवी मीणा के नाम पर है। इसके बाद आयकर विभाग की टीम संजू देवी मीणी से मिलने गांव पहुंची थी।
इसके बाद आयकर विभाग ने जमीन पर कब्जा कर लिया है। जिसके बाद अधिकारियों ने जमीन पर बैनर लगा दिया है की “इस जमीन को बेनामी प्रॉपर्टी प्रोहिबिशन एक्ट के तहत गुमनाम घोषित कर दिया गया है और इस जमीन को आयकर विभाग अपने कब्जे में ले रहा है।” आयकर विभाग के मुताबिक संजू देवी के पास 5 गांवों में 64 वीघा जमीन है, लेकिन यह जमीन उन्होंने नहीं खरीदी। इसलिए जमीन को आयकर विभाग ने अपने कब्जे में ले लिया है।