आजकल बहुत से युवा आधुनिक खेती की ओर रुख कर चुके हैं। कुछ नया करने को आतुर ऐसे युवा गांवों में कृषि का आधुनिकीकरण कर लाखों रुपए कमा रहे हैं। आज हम आपसे एक ऐसी महिला के बारे में बात करेंगे, जिसने आधुनिक खेती की बेहतरीन मिसाल पेश की है। राज्य में पानी की सबसे बड़ी समस्या से जूझ रही बनासकांठा की इस महिला ने पूरे गुजरात में नाम कमाया है।
अमीरगढ़ के पास इकबालगढ़ में मित्तलबेन पटेल अपने होम ग्राउंड में बटर मशरूम की खेती कर लाखों रुपये कमा रही हैं। मित्तलबेन घर के ठीक बगल में मशरूम की खेती करती हैं। मित्तलबेन पटेल का परिवार काफी पढ़ा-लिखा है, उनका एक बेटा फिलहाल कनाडा में पढ़ रहा है और दूसरा बेटा भी विदेश जाने की तैयारी कर रहा है।
मित्तलबेन ने अपने ससुर की मदद से अपने घर में एक कमरा बनाया है और मामूली कीमत पर बटर मशरूम के लिए कमरे की पूरी संरचना बनाई है। उन्होंने कड़ी मेहनत की और चुकंदर मशरूम में सफल रही है। वर्तमान में वे एक दिन में 15 से 20 किलो बटर मशरूम का उत्पादन करते हैं।
मित्तलबेन इस मशरूम को राजस्थान के साथ-साथ गुजरात में भी बेचती हैं। इस मशरूम की तुलना में बटर मशरूम की मांग अधिक होती है। उन्होंने महज 30 से 40 हजार की लागत से पूरा ढांचा तैयार किया है।
उनका कहना है कि बटर मशरूम की खेती बहुत आसान और अच्छी है लेकिन थोड़ी मेहनत है, जिसके चलते वह पूरा दिन मशरूम की खेती में लगाते हैं। अपने ससुर के नेतृत्व में वह खुद मशरूम की खेती और मार्केटिंग करते हैं।
मित्तलबेन खुद इन मशरूमों की पैकिंग और बिक्री भी करती हैं। उन्होंने इस व्यवसाय को धीरे-धीरे शुरू करने की इच्छा भी व्यक्त की है। जानकारों के अनुसार बटर मशरूम की मांग न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी बहुत अधिक है और किसान इस तरह से खेती करने पर कम लागत में अधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं।