कई बार छोटी जगहों के स्टूडेंट आईएएस बनने का सपना देखते हैं। आज हुआं बात करने जा रहे हे, जिन्होंने पिता का हाथ बंटाने के लिए चाय की दुकान पर काम तक किया ओर कड़ी मेहनत से यूपीएससी की परीक्षा पास की हे, एसे आईएएस अफसर हिमांशु गुप्ता की। वह उत्तराखंड के रहने वाले हे।
बचपन से ही पढ़ाई में वह काफी अच्छे थे और ग्रेजुएशन कर रहे थे तब उन्होंने यूपीएससी की सिविल सर्विस एग्जाम पास करनेके बारे में सोचा था। हिमांशु के पिता पहले दिहाड़ी मजदूर का काम करते थे। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी और उन्होंने अपना बचपन बेहद गरीबी में काटा। पिता ने बाद में चाय का ठेला लगाना शुरू किया और हिमांशु भी स्कूल के बाद इस काम में अपने पिता की मदद करते थे।
बरेली के सिरौली शिफ्ट होने के बाद उनकी मुशकीले बढ़ गई। सबसे नजदीकी इंग्लिश मीडियम स्कूल 35 किमी दूर था। स्कूल जाकर घर आनेमे उन्हे 70 km की यात्रा करनी पड़ती थी। ग्रेजुएशन के बाद हिमांशु ने डीयू से पर्यावरण विज्ञान में मास्टर डिग्री के लिए दाखिला लिया और कॉलेज में टॉप किया।
हिमांशु के पास विदेश जाकर पीएचडी करने का मौका था, लेकिन उन्होंने देश में रहने का फैसला किया। उन्होंने साल 2016 में भारत में रहने और यूपीएससी की तैयारी करनेकी ठान ली। 2018 में पहली बार यूपीएससी एग्जाम दिया और पास हो गए। 2019 में फिर से परीक्षा दी. दूसरे प्रयास में पास होकर IPS बने। 2020 में अपने तीसरे प्रयास में वे IAS बनने मे सफल हुए।