अंडाल और लक्ष्मी ये दोनों ही श्रीरंगम के प्रख्यात श्रीरंगनाथ स्वामी मंदिर के हाथी हैं। नका मुख्य कार्य ‘विश्वरूप’ पूजा तथा मंदिर के अन्य पारंपरिक अनुष्ठानों में पुजारियों को सहयोग करना है। अब चहल-कदमी और आसपास घूमने के लिए अधिक स्थान मिल सकेगा, क्योंकि उनके लिए एक विशेष तलाब और विशेष स्थान तैयार किया गया है।
नहाने का यह तलाब कोल्लिडाम नदी तट मार्ग पर उदायवार थोप्पू में स्थापित किया गया है, जिसमें तीन लाख लीटर पानी आ सकता है. यह मंदिर के क्षेत्राधिकार में है। तमिलनाडु के हिंदू धार्मिक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा की अब वे हाथी उनके लिए बनाए गए पर्याप्त स्थान वाले तलाब में आराम से स्नान कर सकेंगे और उसके आसपास विशेष रूप से बनाए गए स्थान पर चहल कदमी कर स्वस्थ और प्रसन्न रहेंगे।
सामाजिक कार्यकर्ता रंगराजन नरसिम्हन की याचिका पर पिछले साल अगस्त में उच्च न्यायालय ने मंदिर के हाथियों को दैनिक रीति-रिवाजों के बाद सुस्ताने के लिए प्राकृतिक पर्यावास में ऐसा परिसर प्रदान करने का सुझाव दिया था। तलाब और घूमने फिरने का मार्ग मद्रास उच्च न्यायालय के दिशानिर्देशों एवं तमिलनाडु विधानसभा में की गयी घोषणाओं के आधार पर तैयार किया गया है।
हाथियों को प्रतिदिन करीब पांच किलोमीटर के दायरे में घूमने-फिरने के लिए ले जाया जाएगा और उन्हें खूब खाने -पीने को मिलेगा। विभाग के स्वामित्व वालर 5.48 एकड़ वृक्षवाटिका में आठ फुट चौड़ा और 857 मीटर लंबा एक मार्ग बनाया गया है।