8वीं में फेल होने वाले बच्चे ने कभी नहीं सोचा होगा कि 21 साल की उम्र में वह सीबीआई और रिलायंस जैसी कंपनियां उसकी सेवाओं का इस्तेमाल करेंगी। आज हम आपको मुंबई के हैकर त्रिशनित अरोड़ा के बारे में बताएंगे।
त्रिशिनीत का कंप्यूटर से गहरा लगाव था जो उसे पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान देने से रोकता था।हालांकि, लड़के की लगन और विचार कुछ अलग थे। जिस वजह से आज वह 22 साल की उम्र में करोड़ों का बिजनेस कर रहा हैं।
एक सामान्य परिवार में जन्में लुधियाना के त्रिशनित अरोड़ा को बचपन से ही पढ़ाई करना पसंद नहीं था और उन्हें कंप्यूटर से इतना लगाव था कि वह अपना सारा समय कंप्यूटर में बिताते थे जिससे उनके माता-पिता भी बहुत चिंतित रहते थे। जिसके बाद उन्होंने एक कंप्यूटर खरीदा था।
जिसके बाद पासवर्ड कितना भी मुश्किल क्यों न हो, उसे तोड़ना त्रिशनित के लिए एक खेल बन गया। 20 साल की उम्र में त्रिशनित ने छोटे कंप्यूटर फिक्सिंग और सॉफ्टवेयर क्लीनिंग प्रोजेक्ट पर काम करना शुरू कर दिया था। त्रिशनित ने कहा कि उन्हें उनका पहला वेतन 60,000 रुपये मिला था।
21 साल की उम्र में उन्होंने टीएसी सिक्योरिटी नाम से एक साइबर कंपनी की स्थापना की थी। त्रिशनित वर्तमान में रिलायंस, सीबीआई, पंजाब पुलिस, गुजरात पुलिस, अमूल और एवन साइकिल जैसी कंपनियों को साइबर-लिंक्ड सेवाएं प्रदान कर रहा है।
उन्होंने “हैकिंग टॉक विद त्रिशनित अरोड़ा”, “द हैकिंग एरा” और “हैकिंग विद स्मार्ट फोन्स” जैसी किताबें भी लिखी हैं। इसके अलावा त्रिशनित को 2013 में पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने भी सम्मानित किया था।
त्रिशनित कहते हैं कि असफल होने के बाद उन्हें एहसास हुआ कि जुनून से परे पढ़ाई का कोई महत्व नहीं है। उनका कहना है कि स्कूली शिक्षा जितनी जरूरी है उतनी ही जरूरी है। यह जीवन का एक हिस्सा है लेकिन पूर्ण जीवन नहीं है। उनका यह भी कहना है कि असफलता से कभी हार मत मानो , क्योंकि असफलता ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है।
अब त्रिशनित कंपनी के कारोबार को अमेरिका ले जाना चाहते हैं और उनका सपना एक अरब डॉलर की सुरक्षा कंपनी बनाने का है।