पुरुष द्वारा स्त्री को संतुष्ट किए बिना उद्वेग के चरम क्षणों में स्खलित हो जाना, शीघ्रपतन कहलाता है। इसका मुख्य कारण हीन भावना तथा आत्मविश्वास की कमी होता है। ऐसे व्यक्ति को मन में कामुकता का विचार नहीं रखना चाहिए।
कारण: स्त्री से अधिक सम्भोग करने, हस्तमैथुन की आदत, पुष्टिकारक भोजन की कमी, जननेन्द्रिय सम्बंधी रोग, मदिरापान तथा अन्य नशीली चीजों का सेवन शीघ्रपतन रोग के कारण बन जाते हैं।
पहचान: पुरुष स्त्री से सम्भोग करने से पहले या कुछ ही समय बाद वीर्यपात कर बैठता है। शीघ्रपतन के कारण पुरुष को स्त्री के सामने लज्जित होना पड़ता है, क्योंकि स्त्री संतुष्ट नहीं हो पाती। धीरे-धीरे व्यक्ति की शारीरिक शक्ति भी क्षीण हो जाती है। वह स्त्री से प्यार करने, उसे चिपटाने या चुम्बन लेने मात्र से ही स्खलित हो जाता है। ऐसे पुरुषों की स्त्रियों को बहुत कष्ट उठाने पड़ते हैं। कई बार वे अन्य पुरुषों से अवैध सम्बंध स्थापित कर लेती हैं।
नुस्खे: प्रतिदिन सुबह के समय दो छुहारे चबाकर ऊपर से आधा किलो गाय का दूध पीना चाहिए। ईसबगोल, खसखस और मिश्री- सब 5-5 ग्राम की मात्रा में लेकर चूर्ण बनाकर सेवन करें। ऊपर से दूध पी जाएं। दो चम्मच प्याज के रस में शहद मिलाकर प्रतिदिन सुबह के समय खाली पेट लेना चाहिए।
तुलसी के पौधे की जड़ का चूर्ण चौथाई चम्मच घी में मिलाकर लें। कौंच के बीज तथा तालमखाना- दोनों के 5-5 ग्राम चूर्ण दूध या मिश्री के साथ सेवन करें। प्रतिदिन चाय के साथ लहसुन की 10 बूंदें सेवन करें। ऊपर से आधा किलो दूध पिएं।
लहसुन सेक्स सम्बंधी सभी प्रकार के रोगों के लिए रामबाण है। मूली के बीजों को तेल में मिलाकर औटा लें। फिर इस तेल से शरीर को मालिश करें। बबूल के चार-पांच पत्ते तथा 5 ग्राम गोंद पानी में भिगोकर मसल डालें। फिर उनको पानी सहित पी जाएं। ऊपर से दूध का सेवन करें।