ओवैसी पर हुआ हमला, हमले के बाद उन्होंने कहा की जब वक्त आएगा जाएंगे, लेकिन…

असदुद्दीन ओवैसी ने अपना राजनीतिक करियर 1994 से शुरू किया है। वह ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के चीफ भी हव। हमले के बाद उन्होंने कहा है कि अब तक मैंने किसी तरह की कोई सुरक्षा नहीं ली है, मुझे ये पसंद नहीं है। मेरी जान की हिफाजत करना सरकार की जिम्मेदारी है। मैं भविष्य में भी कभी सुरक्षा नहीं लूंगा। जब मेरा वक्त आएगा तब चला जाऊंगा। चुनाव आयोग से असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि इस मामले के पीछे जरूर कोई मास्टरमाइंड है। कुछ दिन पहले प्रयागराज में धर्म संसद में मेरी जान लेने की बात कही गई थी, जो ऑन रिकार्ड है, उसे भी देखा जाना चाहिए।

ओवैसी ने कहा की मैं उम्मीद करता हूं कि चुनाव आयोग इस मामले को संज्ञान में लेगा और मामले की जांच होगी। देश के प्रधानमंत्री, यूपी के प्रशासन को इस मामले को देखना चाहिए। मैं इस मामले को लेकर जनता के अदालत में भी जाऊंगा। इसकी तहकीकात अच्छी तरह से होनी चाहिए। इसके पीछे जरूर कोई मास्टरमाइंड है जो मेरी और संविधान की आवाज नहीं सुनना चाहता। शुक्रवार को लोकसभा के स्पीकर से भी मिलूंगा। आज चार बार के सांसद पर गोली चली है, कल किसी और पर चलेगी। मैं यूपी के कैंपेन में हमेशा जाऊंगा।

ओवैसी ने कहा कि उन पर मेरठ से लौटते वक्त फायरिंग की गई। सबको पता था कि हम मेरठ से दिल्ली के लिए रवाना हो चुके हैं। टोल प्लाजा के पास गाड़ी धीमी हो जाती है और इसी दौरान हमलावर ने मुझे निशाना बनाते हुए गोलीबारी की। जब हमलावरों ने गोलीबारी की तो हमारे ड्राइवर ने समझदारी दिखाई और तुरंत गाड़ी भगा ली।

लाल और सफेद कलर के जैकेट में दो हमलावर थे। लाल कलर के जैकेट पहने हमलावर के पैर पर गाड़ी का टायर चढ़ा तो सफेद जैकेट पहने हमलावर ने दोनों फॉर्च्यूनर पर दोबारा फायरिंग की। ओवैसी ने कहा कि मेरे पास हैदराबाद में लाइसेंसी पिस्टल है। हमलावरों ने जिस पिस्टल से फायरिंग की उसकी आवाज सुनकर मैं यकीनन कह सकता हूं कि हमलावरों के पास मौजूद हथियार कंट्रीमेड नहीं बल्कि नाइन एमएम पिस्टल या कुछ और था।

इस मामले में दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया तो दूसरे ने गाजियाबाद थाने में खुद सरेंडर कर दिया।

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