स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने कोविड के संपर्क में आए लोगों के कान के आंतरिक मॉडल का परीक्षण किया, जिससे यह पता लग सके कि कैसे वायरस सिस्टम को प्रभावित करता है। जो शायद लोगों को पता ही नहीं कि यह कोविड का लक्षण है। उन्होंने पाया कि मरीज कान में दर्द और सनसनाहट जैसे लक्षण महसूस कर रहे हैं।
कोरोना और सामान्य फ्लू के लक्षणों के बीच फर्क समझना मुश्किल हो गया है। क्योंकि कोरोना वायरस के नए ओमिक्रॉन वैरिएंट में कई तरह के लक्षण देखने को मिल रहे हैं। लक्षणों की लिस्ट में एक बिल्कुल नया लक्षण सामने आया है, जिससे इसकी पहचान की जा सकती है।
ओमिक्रॉन शरीर के कई अंगों को अपनी चपेट में ले रहा है। खासतौर पर यह लक्षण उन लोगों में नजर आ रहा है जो पूरी तरह से वैक्सीनेटेड हैं। नया वैरिएंट कान में दर्द, सनसनाहट, घंटी या सीटी बजने जैसी दिक्कतें पैदा कर रहा है। समय पर इलाज मिलने पर यह समस्या काफी हद तक ठीक हो सकती है। वैरिएंट से प्रभावित लोग ठंड लगने जैसे लक्षणों भी महसूस कर रहे हैं।
कोविड लक्षण अध्ययन के प्रोफेसर टिम स्पेक्टर ने बताया कि यह वैरिएंट नाक की बजाय आपकी आंत में भी छिपा हो सकता है। इसका मतलब है कि जब लोग संक्रमित होते हैं और पेट खराब होने जैसे लक्षणों का अनुभव करते हैं तो कई बार उनका कोविड टेस्ट नेगेटिव आता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि नाक या मुंह में ओमिक्रॉन के कोई निशान नहीं मिलते। यह वायरस शरीर के विभिन्न हिस्सों में पाया जा सकता है।
डॉ कॉन्स्टेंटिना स्टैंकोविक ने कहा कि अगर आपको सुनने में परेशानी, कान में आवाज या चक्कर आने की समस्या का सामना करना पड़ रहा है तो इसे इग्नोर ना करें। ऐसे में तुरंत कोविड की जांच करवाएं। उन्होंने कहा, कई मरीजों में हमने करोना के लक्षण के तौर पर बस हियरिंग लॉस को ही पाया।