स्वर कोकिला व भारत रत्न लता मंगेशकर के निधन से समूचा देश शोक में डूबा हुआ है। भले ही उनका सीधा संबंध राजस्थान से नहीं रहा, किन्तु उनका डूंगरपुर राजघराने के राज सिंह डूंगरपुर से गहरा नाता रहा है। राजस्थान के डूंगरपुर रियासत के राजकुमार राजसिंह लता मंगेशकर से शादी करना चाहते थे। इस बारे में राजसिंह ने अपने माता-पिता से बात भी की थी। लेकिन लता मंगेशकर एक साधारण परिवार से होने के कारण पूर्व राज परिवार शादी के लिए राजी नहीं हुआ। इस वजह से राजसिंह चाहकर भी लता से शादी नहीं कर सके।
लता को क्रिकेट तथा राज सिंह को संगीत पसंद था और दोनों एक-दूसरे के करीब आ गए। बीकानेर की राजकुमारी राज्यश्री जो डूंगरपुर की भांजी है, उन्होंने अपनी आत्मकथा ‘पैलेस आफ क्लाउड्स-ए मेमायर’ में अपने मामा राज सिंह डूंगरपुर तथा लता मंगेशकर के संबंधों के बारे में लिखा है। पुस्तक में लिखा कि उनकी दोस्ती कब प्यार में बदल गई, पता ही नहीं चला। राजपरिवार नहीं चाहता था कि राज सिंह किसी साधारण परिवार की सदस्या से शादी करें। बढ़ते दबाव के बाद राज सिंह परिवार की जिद के आगे झुक गए और उनकी शादी नहीं हो पई।
13 साल की आयु में लता ने 1942 में पहला गाना मराठी भाषा में गाया था, तब उन्हें एक गीत गाने के लिए 25 रुपए मिले थे। उसी साल उनके पिता दीनानाथ मंगेशकर का निधन हो गया था। तीन बहनों और एक भाई से बड़ी होने की वजह से घर की सारी जिम्मेदारी लता पर आ गई, जिसके चलते लता पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। बाद में कुछ फिल्मों में अभिनय करके और गाने गाकर परिवार का गुजारा किया। उन्होंने मंगला गौर (1942), माझे बाल (1943), गजभाऊ (1944), बड़ी मां (1945) और जीवन यात्रा (1946) सहित कुछ फिल्मों में छोटी-मोटी भूमिकाएं निभाई।
1949 में रिलीज हुई फिल्म ‘महल’ के लिए लता ने ‘आएगा आने वाला…’ गाया था। यह गाना सुपर हिट हो गया और लता मंगेशकर रातोंरात सुरों की दुनिया में सिरमौर हो गई। इस सुपरहिट गीत के बाद लता कामयाबी की नई ऊंचाइयों तक पहुंचती रही और कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। इस सुपरहिट गाने के बाद 20 साल तक लता ने संगीत की दुनिया पर एकछत्र राज किया। लता ने 36 अलग अलग भाषाओं में हजारों गाने गाये।