जिस उम्र में छात्र परीक्षा की तैयारी कर रहे थे, उस उम्र में जज बना यह युवक

भारत के युवाओं में स्कूली शिक्षा की कोई कमी नहीं है। आज खुले भारतीय युवा दुनिया के कोने-कोने में देश का नाम रोशन कर रहे हैं। सूची में एक नाम भारत के सबसे कम उम्र के युवा न्यायाधीश मयंक प्रताप सिंह महक का है। उन्होंने यह स्कूल साल 2018 में राजस्थान न्यायिक परीक्षा में टॉप करके हासिल किया था। तो आइए जानते हैं मयंक प्रताप सिंह के करियर के बारे में।

मयंक प्रताप सिंह का जन्म साल 1999 में राजस्थान में हुआ था। वह कम उम्र से ही पढ़ाने के लिए बहुत अनिच्छुक थे। उनके पिता का नाम कुमार सिंह और माता का नाम को मुज सिंह है। मयंक की मां पुरी में सीनियर टीचर के पद पर कार्यरत हैं।

मयंक ने राजस्थान में प्रारंभिक रीका को लिया। इसके अलावा साल 2003 में मैंने राजस्थान यूनिवर्सिटी से स्टैंडर्ड पास किया और रहन-सहन का स्तर बदल दिया। मयंक ने अपने करियर की शुरुआत राजस्थान न्यायिक संवाद भर्ती परीक्षा 2018 से एक जज के रूप में की थी। इस परीक्षा में उसने टॉप रैंक हासिल किया था।

अगर राजस्थान न्यायिक परीक्षा की बात करें तो इसका आयोजन उच्च न्यायालय द्वारा किया जाता है। साल 2018 से पहले इस परीक्षा में बैठने की न्यूनतम उम्र 23 साल थी लेकिन उसी साल इसे घटाकर 21 साल कर दिया गया। मरयाक्रा प्रताप सिंह ने मात्र 21 वर्ष की आयु में राजस्थान न्यायिक सेवा परीक्षा-2018 पास कर ली। इसके साथ ही वे राजस्थान ही नहीं पूरे देश में सबसे कम उम्र के जज बन गए।

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