बंसल एक और हैं जिन्होंने ई-कॉमर्स व्यवसाय के लिए एक ऐसा क्षेत्र चुना है जो अपनी विशाल व्यावसायिक क्षमता के बावजूद दृष्टि से बाहर है। 2010 में लेंसकार्ट नाम से एक ऑनलाइन ऑप्टिकल स्टोर शुरू करने वाले पीयूष बंसल आज देश के सबसे सफल स्टार्टअप उद्यमियों में से एक हैं लेकिन सफलता के इस स्तर तक पहुंचने के लिए उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। लेंसके कारोबार में काफी मुनाफा होता है। कभी-कभी 500% तक का मार्जिन संभव है। और प्रौद्योगिकी के माध्यम से इतने लाभदायक व्यवसाय को बड़े पैमाने पर शुरू करना वास्तव में क्रांतिकारी है। और इसी वजह से लेंसकार्ट दिन-ब-दिन तरक्की कर रहा है और फिलहाल कंपनी का वैल्यूएशन 11000 करोड़ रुपए से ज्यादा है।
पीयूष बंसल के पिता, एक चार्टर्ड अकाउंटेंट, चाहते थे कि उनका बेटा कड़ी मेहनत से पढ़ाई करे और एक अच्छी नौकरी हासिल करे। पीयूष ने कनाडा से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के बाद अमेरिका में माइक्रोसॉफ्ट से जुड़ गए। यहां उनका सालाना पैकेज भी काफी अच्छा था, लेकिन कुछ साल काम करने के बाद वे नौकरी से ऊब गए। 2007 में, उन्होंने भारत लौटने का फैसला किया। पीयूष के इस फैसले से उनके माता-पिता नाराज हो गए।
उस समय भारत में ई-कॉमर्स एक नई अवधारणा थी और इस क्षेत्र में अपार संभावनाएं थीं। पीयूष ने इस पर हाथ आजमाने के लिए एक क्लासीफाइड वेबसाइट सेटचमेंकॅम्पस डॉटकॉम भी लॉन्च की। यह वेबसाइट छात्रों को आवास, किताबें, कारपूल सुविधाएं, अंशकालिक नौकरी के अवसर आदि प्रदान करती है।
भारत में ऑनलाइन कारोबार बहुत तेजी से बढ़ा था। उन्होंने आईवियर, ज्वैलरी, घड़ियां और बैग की ऑनलाइन बिक्री के लिए चार वेबसाइट,लेंसकार्ट डॉट कॉम, ज्वेलरी डॉट कॉम, वाॅचकार्ट डॉट कॉम और बैग्स डॉट कॉम लॉन्च किए। पीयूष ने पूरी तरह से लेंसकार्ट डॉट कॉम पर ध्यान केंद्रित किया और इसे देश का सबसे बड़ा ऑनलाइन ऑप्टिकल स्टोर बनाने में सफल रहे। आज लेंसकार्ट ने सभी आधुनिक सुविधाओं के साथ देश के सभी प्रमुख शहरों में अपने ऑफलाइन स्टोर भी खोल लिए हैं। फिलहाल कंपनी अपने 500 आउटलेट्स की मदद से हर महीने 1 लाख से ज्यादा लोगों को सेवा दे रही है।