भारत में लड़कियों के अंदर टैलेंट इतना ज्यादा भरा है कि अगर उन्हें मौका मिल जाए तो वह अपना टैलेंट दिखाने में कोई कमी नहीं छोड़ती हैं। यूपीएससी की परीक्षा जिसे सबसे कठिन परीक्षा माना जाता है इस परीक्षा को पहली बार में पास करना बहुत मुश्किल है। ईशा सिंह एक ऐसी आईपीएस ऑफिसर है जिन्होंने अपने पहले ही चरण में यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली। आईपीएस ऑफिसर ईशा सिंह ने वकालत की पढ़ाई पूरी करके महिलाओं को न्याय दिलाने में अपनी भूमिका अदा की और इसके बाद यूपीएससी की परीक्षा पास करके महिलाओं के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बन गई है।
ईशा सिंह ने अपने माता-पिता से प्रेरणा लेकर आईपीएस ऑफिसर बन गई और 20 लाख का सैलरी का पैकेज भी ठुकरा दिया। ईश्वर सिंह को यूपीएससी की परीक्षा में काफी अच्छी रैंक प्राप्त हुई है।
ईशा सिंह का जन्म रामनगर ब्लाक के जवशीपुर में हुआ है इनके पिता एक आईपीएस ऑफिसर और माता वकील और मानव अधिकार कार्यकर्ता है। इन्हें अपने परिवार से काफी प्रेरणा मिली है इनके परिवार का इनकी सफलता के पीछे बडा योगदान रहा है। ईशा सिंह की शुरुआती पढ़ाई लखनऊ से हुई और फिर उनके पिता मुंबई चले गए और इनकी इंटरमीडिएट की पढ़ाई मुंबई से हुई है। इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी करने के बाद ईशा सिंह ने बेंगलुरु के नेशनल लॉ कॉलेज से वकालत से ग्रेजुएशन की। इसके बाद उन्हें 2000000 का जॉब ऑफर मिला लेकिन इन्होंने इस जॉब ऑफर को ठुकरा दिया उन्होंने अपनी वकालत कैरियर में भी कई सारे केस लड़े और उन्हें सफलता प्राप्त हुई। इसी दौरान उन्होंने अपने माता-पिता से प्रभावित होकर यूपीएससी की परीक्षा देने का निर्णय लिया।
ईशा सिंह को परिवार के सपोर्ट और उनकी मेहनत से यूपीएससी की पहले ही चरण में 191 रैंक प्राप्त हो गई। ईशा सिंह अपनी इस सफलता के पीछे का राज बताती है कि इंसान को हर एक काम में समस्या का सामना करना पड़ता है लेकिन इंसान को कभी भी हार नहीं माननी चाहिए और अपने गोल पर फोकस देना चाहिए।