हार्दिक गुजरात के अमरेली जिले के रहने वाले हैं, जिन्हें शुरू से ही खेती-किसानी का शौक था। आज इतनी कम उम्र में ही 1 करोड़ सालाना की इनकम कर रहे हैं। इसी वजह से उन्होंने जूनागढ़ एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी के कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी से B.Tech किया। बीटेक के दौरान उन्हें कॉलेज से बेस्ट स्टूडेंट का अवार्ड भी मिला। हार्दिक ने आधुनिक तकनीक प्लास्टिकल्चर की ट्रेनिंग ली, जो खासतौर से सब्जियां और फूल उगाने में काम आता है।
पढ़ाई पूरी करने के बाद हार्दिक गांव लौटकर खेती में लगना चाहते थे। अपना प्रोजेक्ट शुरू करने के लिए उन्हें फाइनेंस से जुड़ी दिक्कतें भी आईं, वहीं उन्हें महसूस हुआ कि कहीं न कहीं कोई ट्रेनिंग रह गई है। इसके बाद हार्दिक ने शाश्वत शेटी विकास प्रतिष्ठान से उन्हें कारोबारी स्कील डेवलप करने में मदद मिली। हार्दिक ने बताया कि ट्रेनिंग के बाद प्लास्टिकल्चर के लिए अपनी कंसल्टेंसी सर्विसेज शुरू की। जिसके बाद उन्होंने किसानों को इस आधुनिक तकनीक के लिए प्रोत्साहित करना शुरू किया।
हार्दिक अब गुजरात से बाहर भी प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं। टमाटम, शिमला मिर्च और खीरा के साथ ही कई तरह के फूल उगाने पर उनका जोर रहता है। धीरे धीरे उनके पास प्रोजेकट आने लगे और उन्होंने अपना काम 20 गांवों तक फैलाया। आज उनके नेटवर्क में 450 किसान हैं।
जब उन्होंने ये काम शुरू किया था, उस दौरान केंद्र व राज्य सरकार की ओर से सब्सिडी बेहतर मिलती थी। अब इसमें थोड़ी कमी आई है। वहीं कई बार ज्यादा गर्म मौसम भी परेशानी की वजह बन जाता है, उस दौरान सिंचाई के काम में भी दिक्कत आती है। आज एक साल का कुल टर्नओवर 1 करोड़ रुपये हो गया है। उनका उदेश्य है कि ज्यादा से ज्यादा किसानों को इस तकनीक के लिए प्रोत्साहित किया जाए।