सप्ताह का हर दिन विशेष होता है ओर किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित होता है। गुरुवार का दिन देवताओं के गुरु बृहस्पति को समर्पित है। आज के दिन भगवान श्री हरि विष्णु की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। पवित्र मन और श्रद्धा भाव से गुरुवार व्रत करने से भगवान श्री हरि विष्णु जल्द ही प्रसन्न हो जाते हैं। उनकी कृपा से आराधक के सारे कार्य सुगम हो जाते हैं। आप गुरुवार व्रत करने की सोच रहे हैं तो व्रत के नियमों के बारे में सही जानकारी जरूर ले लें।
बृहस्पति को सबसे बड़ा गृह माना जाता है, ये देवताओं के गुरु कहे जाते हैं। कुंडली में गुरु बृहस्पति अगर मजबूत स्थिति में हों, तो तमाम समस्याएं दूर हो जाती हैं। गुरु के कमजोर होने पर व्यक्ति की शिक्षा पर असर पड़ता है। आर्थिक और विवाह संबंधित अड़चनें आ सकती हैं।
क्या न करे:
गुरुवार के दिन सिर धोने, बाल कटवाने, शेविंग करने और नाखून काटने की मनाही है। साबुन-शैम्पू, तेल के प्रयोग नहीं करना चाहिए। गुरुवार के दिन बाल नहीं कटवाना चाहिए. माना जाता है आज के दिन बाल कटवाने से बृहस्पति देव नाराज हो जाते हैं। गुरुवार के दिन कई लोग पैसों के लेन-देन से बचते हैं। ऐसा करने से गुरु कमजोर होता है और आर्थिक संपनता चली जाती है। गुरुवार के दिन धोबी के पास कपड़े धुलने के लिए या प्रेस के लिए नहीं देना चाहिए। घर का कबाड़ बाहर न फेंकें और इसके अलावा भी गंदगी वाले किसी भी काम से इस दिन परहेज करें।
क्या करे:
सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठें। सूर्य देव और केले के पेड़ को जल का अर्घ्य दें। संभव हो तो उपवास रखें। केले के पेड़ की पूजा गुड़, चने की दाल, केले, पीले चंदन और फूल से करें। गंगाजल युक्त पानी से स्नान ध्यान करें। गुरुवार के दिन विष्णु भगवान और लक्ष्मी की पूजा करें। भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी संपन्नता के प्रतीक हैं। गाय को आटे की लोई में चने की दाल, गुड़ और हल्दी डालकर खिलाएं. स्नान के दौरान पानी में एक चुटकी हल्दी डालें। अंत में भगवान श्री हरि विष्णु जी की आरती करें।