एक साल पहले कोरोना वायरस के कारण देशव्यापी लॉकडाउन लागू किया गया था, सभी लोग घरों के अंदर रहने को मजबूर थे। इस दौरान लोगों ने टेलीविजन पर रामायण का प्रसारण देखा था लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस लॉकडाउन के दौरान दो छोटे भाई-बहनों की एक जोड़ी ने कुल 2100 पेज की रामायण लिखी थी।
हां यह सच है। राजस्थान के जालोर में तीसरी और चौथी कक्षा में पढ़ रहे माधव जोशी और उनकी बहन अर्चना ने लॉकडाउन के दौरान 2100 से ज्यादा पन्नों की पूरी रामायण लिखी है। भाइयों और बहनों माधव और अर्चना ने कोरोना काल में कलम और पेंसिल में पूरी रामायण लिखी। इसके लिए उन्होंने 20 नोटबुक्स का इस्तेमाल किया था, फिर रामायण के 2100 से ज्यादा पेज तैयार किए गए।
दोनों बच्चों ने इसे सात भागों में पूरा किया है। आपको बता दें कि श्री रामचरितमानस सात अध्यायों में है। माधव और अर्चना ने अपनी नोटबुक में पेन और पेंसिल से सात अध्याय लिखे हैं। ये सात कांडो है, जिसमे बालकांड, अयोध्याकांड, अरण्यकांड, किष्किंधाकांड, सुंदरकांड, लंकाकांड और उत्तर रामायण है।
इनमें से माधव ने बालकाण्ड, अयोध्या काण्ड, अरण्यकाण्ड और उत्तरकाण्ड को १४ भागों में लिखा है। तो छोटी बहन अर्चना ने किष्किंधाकांड, सुंदरकांड और लंकाकांड को 6 कापियों में लिखा है। माधव जोशी ने कहा कि कोरोना में टेलीविजन पर रामायण का प्रसारण देखने के बाद वह रामायण पढ़ना चाहते थे।
पहले परिवार के साथ और फिर दोनों भाई-बहनों ने तीन बार श्री रामचरितमानस का पाठ किया। इस दौरान उनके पिता संदीप जोशी ने उन्हें रामायण लिखने के लिए प्रोत्साहित किया था। दोनों बच्चे जालौर के आदर्श विद्या मंदिर स्कूल में पढ़ रहे हैं। अर्चना तीसरी कक्षा की छात्रा है, जबकि माधव चौथी कक्षा का छात्र है। उन्हें रामायण के बारे में पूरी जानकारी मिल गई है।