एक एसी स्टोरी जो आपको सच्चे मित्र का महत्व बताएगी, अपने बच्चों को जरूर सुनाए…

आज हम आपको एक स्टोरी बताएंगे। एक बार राज्य के एक मंत्री ने अपने राजा को अपनी बेटी के विवाह समारोह में निमंत्रित किया। जब राजा अपने परिवार के साथ विवाह समारोह में पहुँचा, तो मंत्री उन्हें सम्मानपूर्वक विशिष्ट आसन पर बैठाने ले गयो, तो मंत्री यह देखकर बहुत लज्जित हुआ कि एक सफाईकर्मी वहाँ बैठा हुआ था। 

उसने सफाईकर्मी को सभी के सामने बहुत डाँटा । उसने बहुत अपमानित महसूस किया और बदला लेने ठान ली। अगले दिन सुबह वह जब वह राजा का कक्ष साफ कर रहा था, तभी वह जानबूझकर बड़बड़ाया, “राजा कितने नादान हैं। उन्हें यह पता ही नहीं कि रानी और मंत्री के बीच क्या चल रहा है ।

राजा ने पूछा की क्या बकवास कर रहे हो? सफाईकर्मी जवाब में बोला की महाराज मैं पूरी रात सो नहीं पाया । मैं तो नींद में बड़बड़ा रहा था। उसकी बात सुनकर राजा के मन में संदेह के बीज पड़ गए थे। राजा अब मंत्री से चिढ़ने लगा और समय-समय पर अपमानित करने लगा । एक दिन तो उसने द्वारपालों से यह तक कह दिया कि वे मंत्री को महल में घुसने ही न दें।

मंत्री भी परेशान था, लेकिन कुछ विचार करने के बाद उसे समझ में आ गया कि सफाईकर्मी ही इसके लिए जिम्मेदार हो सकता है। मैंने उसका अपमान किया था और उसी का उसने बदला लिया है। मंत्री ने सोचा की अब मुझे उसे दुबारा प्रसन्न करना होगा, तभी वह राजा की निगाह में मेरा सम्मान दुबारा दिला सकता है। एक दिन उसने सफाईकर्मी को अपने घर भोजन पर आने का निमंत्रण दिया। 

उसने कहा की मेरे दोस्त, मुझे क्षमा कर दो। मैंने तुम्हारा अपमान किया था। मुझे गलती का अहसास हो गया है। इन सुंदर कपड़ों को उपहार के रूप में ग्रहण करो। मेरे साथ भोजन करो। सफाईकर्मी प्रसन्न हो गया।

वह सोचने लगा की मंत्री तो अच्छा आदमी है। मैंने ही उस दिन गलती कर दी थी। अब सफाईकर्मी प्रसन्न था और प्रयास करने लगा कि मंत्री के बारे में राजा की धारणा बदल जाए। एक बार जब वह राजा के कक्ष में गया तो राजा सो रहा था। वह बड़बड़ाने लगा की अरे, राजा का तो दासी के साथ प्रेम संबंध है। बड़ी लज्जा की बात है! राजा ने उसका बड़बड़ाना सुना तो उठकर बैठ गया।

राजा ने सफाईकर्मी को बहुत डाँटा। सफाईकर्मी बोला की क्षमा कर दें महाराज, मैं पूरी रात सो नहीं पाया। इसलिए दिन में ही नींद में बड़बड़ा रहा था। राजा को अपनी गलती समझ में आ गई । इस तरह की अफवाह के चक्कर में आकर उसने अपने बहुत अच्छे सलाहकार की अनदेखी शुरू कर दी थी । राजा ने मंत्री को बुलाया और दोनों फिर से मित्र बन गए ।

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