क्या आपको मालूम हे? मंदोदरी के कक्ष में छुपा था रावण का वध करने वाला दिव्यास्त्र, जानिए पूरी कहानी

रामायण की कथा पढ़ने से हमें इस बात का ज्ञान होता है कि भगवान श्री राम ने रावण का वध किया था और हम यह भी जानते हैं कि विभीषण ने श्रीराम को बताया कि रावण के नाभि कुण्ड में अमृत है और अगर भगवान श्री राम, रावण की नाभि में बाण चलाएंगे तो ही रावण का अंत होगा अन्यथा रावण का अंत नहीं हो सकता।

रामायण की कथा हमने पढ़ी है या टीवी पर प्रोग्राम देखा है लेकिन कई ऐसे रहस्य हैं जिनके बारे में हमें आज तक नहीं पता उनमें से एक रहस्य है कि रावण को मारने वाला दिव्य बाण मंदोदरी के कक्ष में मौजूद था और उस बाण को हनुमान जी ने बड़ी ही चालाकी से मंदोदरी से लिया था और जब विभीषण, भगवान श्रीराम को बताते हैं कि रावण की नाभि में अमृत कुंड है और उसमें बाण चलाने के बाद उसका वध हो सकता है तो भगवान श्री राम ने रावण की नाभि कुंड में उसी दिव्य बाण को चलाया जिसके पश्चात रावण का अंत हुआ।

जब भगवान श्री राम सेतु पुल बनाकर लंका पहुंचे तो रावण तथा श्री राम के दूत एक दूसरे के दरबार गए लेकिन दोनों में बात नहीं बनी इसके पश्चात रावण ने बारी-बारी अपने महारथी योद्धाओं को श्री राम को पराजित करने के लिए भेजा लेकिन उसके सभी योद्धा विफल रहे उसके पश्चात रावण स्वयं भगवान राम से युद्ध करने के लिए गया और ग्रंथों की मानें तो राम और रावण के मध्य युद्ध 32 दिनों तक हुआ जिसके पश्चात यह युद्ध भयंकर परिणाम की तरफ जा रहा था विभीषण को इसकी चिंता थी इसीलिए उसने भगवान राम को बताया कि रावण की नाभि कुंड में अमृत छिपा हुआ है जिस पर उस दिव्यास्त्र से बाण चलाने पर उसकी मृत्यु हो जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *