हमारे देश में आज भी कई जगहों पर बेटियों को आगे बढ़ने से रोक दिया जाता है। आज भी कई समाज ऐसे हैं जो अपनी बेटियों को शिक्षित नहीं करना चाहते हैं। लेकिन आज हम आपको एक किस्से के बारे में बताने जा रहे है, जहां एक गरीब परिवार की बेटी अपने मां-बाप के सपनों को पूरा करने के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रही थी।
नासिक के रहने वाले तेजल अहेर ने साबित कर दिया है कि बेटियां अपने मां-बाप के लिए कभी बोझ नहीं होतीं। तेजल जब वर्दी में मेडल लेकर घर पहुंचे तो उनके माता-पिता की आंखों में आंसू आ गए थे। एक समय था जब उनके घर में खाने के लिए अनाज नहीं होता था। लेकिन तेजल ने अपनी मेहनत और हौसले से अपने माता-पिता का सीना गर्व से फुला दिया है।
महाराष्ट्र के नासिक में तेजल का घर पहले अच्छी स्थिति में नहीं था और उसके माता-पिता कोचिंग का खर्च उठाने में असमर्थ थे। लेकिन तेजल ने महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग की परीक्षा अपने दम पर पास कि है। जिसके बाद उन्होंने महाराष्ट्र पुलिस के सब-इंस्पेक्टर के पद की परीक्षा पास की थी, जिसमें उन्हें अच्छे अंक मिले थे।
परीक्षा पास करने के बाद उन्होंने 15 महीने की ट्रेनिंग ली थी।प्रशिक्षण पूरा करने के बाद जब वह खाकी वर्दी पहनकर अपने गांव निफद प्रखंड लौटा तो उसके माता-पिता का सिर गर्व से ऊंचा हो गया। तेजल के घर की हालत इतनी खराब थी कि उन्हें दो रोटी भी नहीं मिल पा रही थी।
स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद जब वह नासिक गई तो उसके पास कोचिंग के लिए पैसे तक नहीं थे। उनका कहना है कि वह आत्मविश्वास से भरी हुई थी और अपनी सफलता से बहुत खुश हैं। लेकिन उनका सफर अभी खत्म नहीं हुआ है, उन्हें अभी भी आगे उड़ना है।