इन दिनों मे एक युवा फोटोग्राफर पुबरुन, जो सोनी वर्ल्ड फोटोग्राफी अवार्ड्स ‘यूथ फोटोग्राफर ऑफ द ईयर’ का खिताब जीत कर चर्चा में बने हुए हैं। पुबरुन को उनकी तस्वीर ‘नो एस्केप फ्रॉम रिएलिटी’ के लिए यह अवार्ड मिला है। पुबरुन इस अवॉर्ड को जीतने वाले पहले भारतीय हैं। 3 लाख से अधिक फोटोग्राफर को हराकर उन्होंने ये अवॉर्ड जीता हे। वह कोलकाता मे रहेते हे।
उनको बचपन से ही फोटो खिचनेका शौक था। 4 साल के थे तब उन्होंने पहली बार अपने पिता के DSLR कैमरा से फोटो खिची थी। पहेली फोटोमे उन्होंने एक लोक कलाकार को अंकित किया था। वह हमेशा अपने दम पर फोटोग्राफी में नई नई चीजें सीखने की कोशिश करता था। खुद से सीखने की प्रक्रिया में उनके पिता ने कभी हस्तक्षेप नहीं किया था।
जब पूरे देश में लॉकडाउन लगा तो पुबरुन को अपनी फोटोग्राफी से जुड़ी स्किल्स पर काम करने का टाइम मिला। वह फोटोग्राफी में धैर्य को बड़ा हथियार मानते हैं ओर आराम से तस्वीर खींचने में विश्वास रखते हैं। तस्वीरों के जरिये अपनी बात वह प्रभावी तरीके से कह सकते हे। फोटोग्राफर होने के साथ ही पुबरुन संगीतकार भी हैं। 13 साल की उम्र से वह तबला भी बजा रहे हैं।
पुबरुन को उनकी जिस तस्वीर के लिए यह अवार्ड मिला है उसका नाम ‘नो एस्केप फ्रॉम रिएलिटी’ है। वह एक दिन अपने माता-पिता के कमरे के पास से गुजर रहे थे तभी उन्हे एक पर्दे में कुछ परछाइयां नजर आईं, जिन्होने रेखाओं का रूप लिया हुआ था। पुबरुन को इससे अपनी फोटो के लिए प्रेरणा मिली। पुबरुन ने अपनी मां से पर्दे के पीछे जाने का आग्रह किया और उनके हाथों पर पर्दे कुछ इस तरह रखा जैसे कोई ‘पिंजड़े’ से बाहर जाने की कोशिश कर रहा हो। पुबरुन के अनुसार उनकी मां ने इसे बखूबी निभाया और उन्होंने तभी यह फोटो खींची। इस तस्वीर के लिए यह अवार्ड मिला है।