बिहार से बॉलीवुड तक, एसा रहा पंकज त्रिपाठी का सफर…

बॉलीवुड स्टार पंकज त्रिपाठी ने मीडिया को कई बार बताया हे की उन्होंने उनके परिवार और पड़ोस में किसी ने कभी नहीं सोचा था कि वह एक अभिनेता के रूप में प्रसिद्ध होंगे और यहां तक कि नेपाल से परे किसी अंतरराष्ट्रीय गंतव्य की यात्रा करेंगे। 2004 में अपने करियर की शुरुआत करते हुए कठिन समय से गुजरे और उसने कई टेलीविजन शो किए।

वर्ष 1995 में उन्होंने भीष्म साहनी की कहानी “लीला नंदलाल की” में स्थानीय चोर की भूमिका निभाई थी। दर्शकों और मीडिया द्वारा उनके प्रदर्शन की काफी सराहना की गई। उसके बाद वह एक नियमित रंगमंच कलाकार बन गए। पटना में सात साल बिताने के बाद पंकज दिल्ली चले आए। नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में दाखिला लिया और वर्ष 2004 में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। वह पुनः पटना वापस लौट आए और चार महीने तक थिएटर में कार्य किया।

16 अक्टूबर 2004 को पंकज त्रिपाठी मुंबई चले गए और अभिषेक बच्चन और विजय राज़ अभिनीत फिल्म ‘रन’ में एक छोटी सी भूमिका निभाई। न्होंने फिल्मों और टेलीविजन में कई छोटी भूमिकाएं निभाईं। इसी बीच उन्हें पता लगा कि अनुराग कश्यप अपनी फ़िल्म ‘गैंग्स ऑफ़ वासेपुर’ के लिए एक्टर्स की तलाश कर रहे हैं। ये ख़बर सुनते ही पंकज एक बार फिर ऑडिशन देने पहुंच गए।

कॉस्टिंग डायरेक्टर मनीष छाबरा ने उन्हें फ़िल्म में सुल्तान मिर्ज़ा का किरदार सौंपा, जिस पर पंकज खरे उतरे। जिसके बाद पंकज ने ‘फुकरे’, ‘निल बट्टे सन्नाटा, ‘बरेली की बर्फी’ जैसी बॉलीवुडिया फ़िल्मों के साथ ही ‘मसान’ और ‘मांझी’ जैसी आर्ट फ़िल्में भी की।

पंकज त्रिपाठी को अनुराग कश्यप और राम गोपाल वर्मा की फिल्मों में कार्य करना बहुत पसंद है। वह अमिताभ बच्चन के बहुत बड़े प्रसंशक हैं। उनकी पत्नी गोरेगांव, मुंबई में एक स्कुल में अध्यापक है।

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