बिहार के सिलाव क्षेत्र का सबसे प्रसिद्ध खाजा: 52 परतो का बना होता है और खाजा से हर रोज इतने रुपए का कारोबार होता है

भारत की सभी व्यंजनों की प्रसिद्धि भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी है बिहार के नालंदा जिले से दूर एक सिलाव क्षेत्र है और इस क्षेत्र की मिठाई खाजा भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विदेशों में प्रसिद्ध है। बिहार के सिलाव क्षेत्र में जो भी टूरिस्ट आते है वे खाजा मिठाई को जरूर खाते हैं। खाजा को मिठाई का राजा कहा जाता है और यह 52 परतो का बना होता है। बिहार के नालंदा और राजगृह आने वाले सभी टूरिस्टर खाजा मिठाई को जरूर खाते हैं।

एक बार जो व्यक्ति खाजा मिठाई को खा लेता है उसका बार-बार इस मिठाई को खाने का मन करता है। खाजा मिठाई को जीआई टैग प्राप्त है। सभी राज्यों के अलावा यह मिठाई विदेशों में भी सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है। बिहार के कई लोग इस कारोबार से जुड़े हुए हैं 1 दिन का कारोबार 10 लाख रुपए से ऊपर का रहता है। अन्य कारोबार की तरह यह कारोबार भी ऑनलाइन रूप से जुड़ चुका है। आप जो लोग बिहार के सिलाव क्षेत्र में घूमने नहीं जा सकते हैं वह ऑनलाइन खाजा मिठाई को घर मंगवा सकते हैं।

खाजा मिठाई को मिल चुका है इंटरनेशनल मिठाई का अवार्ड: इस मिठाई को मॉरीशस की मिठाई सम्मेलन में अंतरराष्ट्रीय मिठाई का दर्जा प्राप्त हुआ है भारत के दिल्ली जयपुर और पटना में हर साल मिठाई की प्रदर्शनी लगती है जिसमें खाजा मिठाई को बेस्ट मिठाई का अवार्ड मिला है।

खाजा मिठाई की 5 वैरायटी उपलब्ध है; सिलाव में बनने वाली खाजा मिठाई की 5 वैरायटी उपलब्ध है बारिश के 2 महीने तक यह मिठाई बिल्कुल खराब नहीं होती है। आप नमकीन खाजा, मीठा खाजा, घी का खाजा ओर खोए से बना खाजा आप खा सकते हैं।खाजा मिठाई को ऑनलान एप्लीकेशन के माध्यम से मंगा सकते हैं प्ले स्टोर में श्री काली सहा खाजा नाम से एक एप्लीकेशन है इस एप्लीकेशन को डाउनलोड करने के बाद आप खाजा को ऑनलाइन ऑर्डर कर सकते हैं।

विदेशों में भी होने वाला है खाजा मिठाई का निर्यात: बिहार की सिलाव एरिया में खाजा मिठाई के लिए एक भवन का निर्माण हो रहा है जहां पर नाइट्रोजन पैकिंग के द्वारा खाजा मिठाई को पैक किया जाएगा जिसे पर्यटक अपने साथ विदेशों में ले जा सकते हैं।

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