भारत की प्रथम महिला जासूस, जिसने भेष बदलकर 80000 से भी ज्यादा केस सॉल्व कीये…

पहले के समय में ऐसे कई गुप्तचरों के योगदान का वर्णन हमारे ग्रंथों में किया गया था। अपने राज्य को बचाने के लिये गुप्तचरों का सहारा लेते थे। वही प्रक्रिया आज भी है बस उसका नजरियां कुछ बदल गया है। भारत के अजित डोवाल पहले ऐेसे जासूस थे जो 7 वर्ष पाकिस्तान में रहे थे, और वहां की गतिविधियों पर नजर रखते हुये भारत की मदद करने में सहायक बने है।

आज एक ऐसी महिला जासूस के संबंध में बात करने वाले है, जो भेष बदलने में माहिर है क्योंकि इस महिला ने अपने कारनामे से 80 हजार केश सॉल्व किये है। देश की सबसे पहली महिला डिटेक्टिव रजनी पंडित, जो की भारतीय लेडी जेम्स बॉन्ड कही जाती है।

रजनी में एक बात खास यह थी की किसी बात की तह तक जा कर उसकी सच्चाई जानने की ललक उनमे थी। ऐसा करना उन्होंने अपने पिता से सीखा था। उनके पिता सीआइडी में कार्य किया करते थे।

रजनी ने 22 साल की उम्र में अपना पहला केस सॉल्व कर लिया था। इन सब बातों के बारे में बता चलने पर उनकी मार्केटिंग होने लगी और लोग रजनी को खोजकर आते और अपना केस देते। कुछ समय बाद रजनी के कारनामों खबर उनके घर पर भी पहुँच गई। जब इस बारे में रजनी के पिता को पता चला, तो उन्होंने उसे समझाते हुए कहा कि यह काम बहुत खतरों से भरा हुआ है, लेकिन वो उसे रोकेंगे नहीं। पिता ने कहा की इस काम में होने वाली परेशानियों को जानते हुए भी वो ये करना चाहती है तो करे। फिर रजनी ने अपना काम निरंतर चालु रखा और बाद में कई न्यूज़ चैनल्स और अख़बारों ने रजनी को कवर करना शुरू कर दिया। इस तरह रजनी भारत की पहली महिला डिटेक्टिव बन गई। वे एक प्राइवेट डिटेक्टिव के तौर पर काम करती है।

रजनी ने प्रेग्नेंट औरत बनकर, तो कभी फेरीवाली बनकर, तो कभी सेल्स गर्ल बनकर कई बार जासूसी की और केस सॉल्व किये। उसने अपने आपको काम में इतना व्यस्त कर लिया कि कभी शादी करने का ना मन किया और ना टाइम मिल पाया। बढ़ते काम को देख रजनी ने 1991 में अपनी एजेंसी भी शुरू की। अनेक केस आने लगे और रजनी ने हज़ारों केस जुलझाये। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स बताती है की रजनी ने अभी तक छोटे बड़े सभी मिलकर कुल 80,000 से ज़्यादा केस सॉल्व किए हैं।

 

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