महिलाओं की शिक्षा के बारे मेंआज शिक्षा का स्तर पहले के मुकाबले काफी सुधर गया है। लेकिन आज से सो साल पहले लड़कियों का स्कूल जाना सपना देखने जैसे था। उस कठिन समय में आप कल्पना भी नहीं कर सकते हैं कि कोई भारतीय महिला डॉक्टर बन सकती हे। इस महान महिला का नाम है आनंदीबाई जोशी। न्यूयॉर्क के पकिप्सी में एक कब्रिस्तान में एक हेडस्टोन पर लिखा है – आनंदीबाई जोशी एमडी (1865 – 1887), भारत की पहली महिला डॉक्टर। इस महिला ने उस समय की विषम परिस्थितियों में न केवल शिक्षा हासिल की, बल्कि भारत की पहली डॉक्टर बनकर इतिहास भी रचा।
डॉक्टर आनंदी गोपाल जोशी का जन्म पुणे जिले के कल्याण में जमींदारों के एक रूढ़िवादी मराठी ब्राह्मण परिवार में 31 मार्च 1865 में हुआ था। आनंदी की शादी 25 साल के एक विदुर गोपालराव जोशी से कर दी गई थी। 14 साल की उम्र में आनंदी मां बन चुकी थीं, लेकिन 10 दिनों मे ही उनके नवजात बच्चे की मौत हो गई। इस दर्द ने आनंदी को दुखी करने के साथ ही एक लक्ष्य भी दिया। उन्होंने बननेका ठान लिया। उनके पति गोपालराव जोशी ने भी उनकी पूरी मदद की।
आनंदी के डॉक्टर बनने की बात आसान नहीं रही हुई होगी। उनके ये फैसले से रिश्तेदार के साथ-साथ आस-पड़ोस के लोग भी विरोध में खड़े हो गए। लेकिन आनंदी तमाम आलोचनाओं को सहते हुए अपने डॉक्टर बनने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए आगे बढ़ती रही। मिशनरी स्कूल में दाखिला लेकर उनकी पढ़ाई शुरू हुई। बादमे उनके पति का ट्रांसफर कलकत्ता हो गया। कलकत्ता मे उन्होंने संस्कृत और अंग्रेजी भाषा के बारेमे सीखा। उनके पति ने उन्हें आगे मेडिकल का अध्ययन करने के लिए प्रोत्साहित किया। सन् 1880 में वो आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका चली गई।
उनकी लाइफ पर कैरोलिन वेलस ने 1888 में बायोग्राफी भी लिखी थी। बाद में इस बायोग्राफी पर एक सीरियल भी बनाया गया था। जिसे दूरदर्शन पर आनंदी गोपाल के नाम से प्रसारित किया गया था। आनंदीबाई ने जिन विषम परिस्थितियों में लड़कर यह उपलब्धि हासिल की, उसके लिए उन्हें कई सम्मान और पुरस्कार मिले।
31 मार्च 2018 को गूगल ने उसकी 153 वीं जयंती पर उन्हें गूगल डूडल से सम्मानित किया था। शुक्र ग्रह पर तीन गड्ढों के नाम भारत की तीन प्रसिद्ध महिलाओं के नाम पर रखे गये हैं। इसमें से जोशी क्रेटर शुक्र ग्रह पर बना हुआ एक गड्ढा है, जो आनंदी गोपाल जोशी के नाम पर रखा गया है। इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च एंड डॉक्यूमेंटेशन इन सोशल साइंसेज भारत में चिकित्सा विज्ञान को आगे बढ़ाने के लिए आनंदीबाई जोशी पुरस्कार प्रदान कर रहा है। इ